Sunday, March 6, 2022

जन्‍मदिन विशेष: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन “अज्ञेय”

'भोगनेवाले प्राणी और सृजन करने वाले कलाकार में सदा एक अंतर रहता है, और जितना बड़ा कलाकार होता है, उतना ही भारी यह अंतर होता है...'

(7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)




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ऐसे में उदास हो जाना उदासीन हो जाना या पागल हो जाना भी स्वाभाविक किसी बड़ी बेहया धातु के बने हुए वे, जो ऐसे में भी हैं, गाते                 ...